अमेरिकियों के मुकाबले भारतीय दुबले और छोटे हैं। इतना ही नहीं, भारत उन देशों में क्रमश: नीचे से तीसरे व पांचवें स्थान पर है, जहां 19 वर्षीय लड़कियों और लड़कों का बॉडी मास इंडेक्स(बीएमआई) कम है। इसके पीछे पर्यावरणीय परिस्थिति, पोषण में कमी जैसे कारकों को कारण बताया गया है।
200 देशों पर अध्ययन लांसेट में प्रकाशित किया गया है। बॉडी मास इंडेक्स से पता लगाया जाता है कि आप फिट हैं या नहीं। आपका वजन कम या फिर तय मानक से ज्यादा तो नहीं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, यह 18.5 से 24.9 के बीच होना चाहिए लेकिन 19 वर्षीय भारतीय लड़कों व लड़कियों में बीएमआई 20.1 पाया गया। भारत के साथ इस सूची में बांग्लादेश, इथोपिया, रोम जापान समेत अन्य देश शामिल हैं,जो सबसे नीचे हैं। इनकी तुलना में कुवैत, बहरीन, बहामस, चिली, अमेरिका और न्यूजीलैंड के लोगों में बीएमआई स्तर ज्यादा है।
कैसे किया अध्ययन: शोधकर्ताओं ने पांच से 19 साल के स्कूल जाने वाले बच्चों की लंबाई और वजन से संबंधित डाटा एकत्र किया। साथ ही वर्ष 1985 से 2019 तक की 2181 स्टडी का भी विश्लेषण किया। प्रतिभागियों के स्कूल, उनके घर व समुदाय के बीच सामाजिक, पर्यावरणीय और पोषण कारकों की जांच की गई। साथ ही विभिन्न देशों के अलग-अलग या छोटे समूहों में ऊंचाई, बीएमआई अथवा दोनों के आंकड़ों का विस्तृत अध्ययन किया गया।
19 साल के लड़कों की औसत लंबाई
नीदरलैंड 183.08
मोंटेग्रो 183.30
एस्टोनिया 182.08
भारत 166.05
सोलोमन द्वीप 163.01
19 वर्षीय लड़कियों की औसत लंबाई
नीदरलैंड 170.40
मोंटेग्रो 170.00
डेनमार्क 169.50
भारत 155.20
नेपाल 152.04
(लंबाई सेंटीमीटर में)
क्या असर
बॉडी मास इंडेक्स 25 या इससे ऊपर पहुंच जाता है तो सावधान होने की जरूरत है। ये मोटापे का संकेत है, जो मधुमेह व ह्दयरोगों की आशंका बढ़ा देगा।